आज की चौघड़िया मुहूर्त

चौघड़िया

मोबाइल

आज राहु काल का समय

राहु काल

Lucky Dates Calculator

Lucky

भाग्यांक

दशा और अंतरदशा

दशा

मंगल दोष

मंगल दोष

Age Calculator

Age

अभिजीत मुहूर्त

अभिजीत

Love Calculator Kya Hai

Love

भाग्यशाली वाहन संख्या कैलकुलेटर

वाहन

गुलिक काल और यमगंड काल

गुलिक

गुलिक काल और यमगंड काल

यमगंड

सोम प्रदोष व्रत: पूजा विधि, तिथि, महत्व और संपूर्ण जानकारी

सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित विशेष व्रत है, जो प्रदोष काल में किया जाता है। जब प्रदोष तिथि सोमवार को आती है, तब इसे “सोम प्रदोष व्रत” कहते हैं। यह व्रत विशेष रूप से शिव कृपा, सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। आइए, इस व्रत से जुड़ी संपूर्ण जानकारी को सरल भाषा में विस्तार से समझते हैं।

सोम प्रदोष व्रत
सोम प्रदोष व्रत

सोम प्रदोष व्रत कैसे करें?

सोम प्रदोष व्रत करने के लिए भक्त को पूरे दिन सात्विक रहना होता है और संध्या के समय विशेष पूजा करनी होती है। व्रत की संपूर्ण विधि इस प्रकार है।

व्रत की विधि

  • स्नान एवं संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • शुद्ध आहार: पूरे दिन सात्विक आहार का पालन करें (अगर उपवास नहीं रख सकते)।
  • पूजा स्थान तैयार करें: घर या मंदिर में शिवलिंग स्थापित करें और उसे गंगाजल से स्नान कराएं।
  • शिव पूजन: बेलपत्र, धतूरा, दूध, दही, शहद, गंगाजल और गंध से अभिषेक करें।
  • प्रदोष काल की पूजा: संध्या के समय भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी और गणेशजी की विधिवत पूजा करें।
  • शिव मंत्र जप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें।
  • आरती एवं प्रसाद: शिवजी की आरती करें और भगवान को नैवेद्य अर्पित करें।
  • व्रत का समापन: दूसरे दिन प्रातः अन्न-जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें।

सोम प्रदोष व्रत कब करें?

सोम प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाले सोमवार को किया जाता है। इस व्रत की तिथि और मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। व्रत के लिए प्रदोष काल (सूर्यास्त के 45 मिनट पूर्व से 45 मिनट बाद तक) में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

सोम प्रदोष व्रत में क्या खाना चाहिए?

व्रत में केवल सात्विक भोजन किया जाता है। कुछ लोग निर्जला व्रत रखते हैं, लेकिन यदि आपको उपवास में कठिनाई होती है, तो आप फलों, दूध और हल्का सात्विक आहार ले सकते हैं।

अनुशंसित आहार

  • फल (सेब, केला, नारियल, पपीता)
  • दूध, दही, छाछ
  • साबूदाने की खिचड़ी
  • सिंघाड़े और कुट्टू के आटे की रोटी
  • मखाने और मूंगफली

वर्जित आहार

  • प्याज और लहसुन
  • तामसिक भोजन (मांस, मछली, अंडा)
  • अधिक तेल-मसाले वाले व्यंजन

सोम प्रदोष व्रत में शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?

भगवान शिव की पूजा में निम्नलिखित चीजें चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • गंगाजल
  • दूध, दही, शहद
  • बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला)
  • धतूरा और आंकड़े के फूल
  • अक्षत (चावल)
  • पंचामृत
  • भस्म (विभूति)
  • सफेद वस्त्र

वर्जित सामग्री – तुलसी, केतकी और लाल फूल शिवलिंग पर अर्पित नहीं करने चाहिए।

सोम प्रदोष व्रत का उद्यापन कैसे करें?

उद्यापन का अर्थ है व्रत की विधिवत समाप्ति। यदि आप 11, 21, या 108 सोम प्रदोष व्रत रखते हैं, तो अंतिम व्रत के दिन विशेष पूजा कर उद्यापन कर सकते हैं।

उद्यापन विधि

  • 11 या 21 ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन कराएं।
  • भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष अभिषेक करें।
  • दान-दक्षिणा दें और व्रत का संकल्प पूर्ण करें।

सोम प्रदोष व्रत का समापन कैसे करें?

व्रत का समापन अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। पारण के समय हल्का और सात्विक भोजन ग्रहण करें।

सोम प्रदोष व्रत कब खोलते हैं?

व्रत को प्रदोष काल की पूजा के बाद या अगले दिन सूर्योदय के बाद तोड़ा जा सकता है। निर्जला उपवास रखने वालों को पारण के समय जल या दूध ग्रहण करना चाहिए।

क्या पीरियड्स में सोम प्रदोष व्रत कर सकते हैं?

हिंदू परंपरा के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान मंदिर जाना और पूजा करना वर्जित माना जाता है। हालांकि, यदि आप व्रत रखना चाहें, तो मानसिक रूप से भगवान शिव का ध्यान कर सकती हैं और अगले दिन पूजा कर सकती हैं।

सोम प्रदोष व्रत में कैसे कपड़े पहनना चाहिए?

  • पुरुषों को सफेद या पीले वस्त्र पहनने चाहिए।
  • महिलाओं को लाल, पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
  • नोट – काले रंग के कपड़े वर्जित हैं।

कितने प्रदोष व्रत करने चाहिए?

  • 11, 21 या 108 प्रदोष व्रत करना शुभ माना जाता है।
  • यदि विशेष मनोकामना हो, तो 5 लगातार सोम प्रदोष व्रत करें।

सोम प्रदोष व्रत में क्या दान दें?

  • गौ-दान (गाय को चारा खिलाना)
  • वस्त्र दान
  • अन्न और फल दान
  • दक्षिणा और तिल का दान

सोम प्रदोष व्रत में क्या भोग लगाएं?

  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल)
  • गन्ने का रस
  • दूध से बनी मिठाइयाँ

अगर प्रदोष व्रत के दिन व्रत टूट जाए तो क्या करें?

अगर गलती से व्रत टूट जाए, तो अगले प्रदोष व्रत में प्रायश्चित करें और शिव जी से क्षमा याचना करें। शिव मंत्रों का जाप करें और पुनः व्रत का संकल्प लें।

सोम प्रदोष व्रत में पानी कब पीना चाहिए?

अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख रहे हैं, तो सूर्योदय से प्रदोष काल तक पानी पी सकते हैं। यदि आप संकल्प में निर्जला व्रत रख रहे हैं, तो अगले दिन पारण के समय जल ग्रहण करें।

सोम प्रदोष व्रत का महत्व

  • इस व्रत से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
  • संतान सुख, धन-समृद्धि और विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
  • स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है।
  • पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलता है।

सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि (संक्षिप्त)

  • सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • शिवलिंग पर जल और पंचामृत चढ़ाएं।
  • बेलपत्र, धतूरा, आंकड़ा और अक्षत अर्पित करें।
  • “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें।
  • प्रदोष काल में शिव आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
मेंष

मेंष

वृषभ

वृषभ

मिथुन

मिथुन

कर्क

कर्क

सिंह

सिंह

कन्या

कन्या

तुला

तुला

वृश्चिक

वृश्चिक

धनु

धनु

मकर

मकर

कुंभ

कुंभ

मीन

मीन

Free Tools

भाग्यशाली वाहन संख्या कैलकुलेटर
वाहन संख्या कैलकुलेटर
नाम अंक ज्योतिष
मोबाइल नंबर
भाग्यांक कैलकुलेटर
Chaldean Numerology
Love Calculator Kya Hai
Love Calculator
अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
Age Calculator
Age Calculator
Lucky Dates Calculator
Lucky Dates
आज राहु काल का समय
राहु काल का समय

कुंडली

संतान प्राप्ति के लिए उपाय बताओ
संतान प्राप्ति के उपाय
लव मैरिज का योग कैसे बनता है
लव मैरिज का योग
दशा और अंतरदशा
दशा और अंतरदशा
राशि के अनुसार रत्न
नाड़ी दोष
नाड़ी दोष, भकूट दोष
मंगल दोष
मंगल दोष
जन्म कुंडली (Horoscope) कैसे बनाएं
जन्म कुंडली
राशि परिवर्तन
राशि परिवर्तन
ग्रह दोष और उनके उपाय
ग्रह दोष
शनि की साढ़े साती और ढैय्या
शनि की साढ़े साती
kundli milan online in hindi
कुंडली मिलान
नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए ज्योतिष उपाय
नौकरी में प्रमोशन
सप्तम भाव में शुक्र का प्रभाव
सप्तम भाव में शुक्र

शुभ मुहूर्त 

Show next
We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

You cannot copy content of this page

www.muhuratam.com
Logo