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पूर्णिमा कब है जून 2025 | 11 जून को पूर्णिमा व्रत, सत्यनारायण पूजा, शुभ मुहूर्त और उपाय

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पूर्णिमा कब है, इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व, और इस दिन कौन-कौन से कार्य शुभ माने जाते हैं।

पूर्णिमा कब है
पूर्णिमा कब है

पूर्णिमा कब है?

पूर्णिमा तिथि:

  • प्रारंभ – 10 जून 2025, मंगलवार – सुबह 10:55 बजे
  • समाप्ति – 11 जून 2025, बुधवार – दोपहर 12:29 बजे

व्रत और पूजा का दिन:
चूंकि 11 जून को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि विद्यमान है, अतः व्रत, पूजन और कथा 11 जून 2025 (बुधवार) को ही किया जाएगा।

अभिजीत मुहूर्त में करें पूजा

आप चाहें तो अभिजीत मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं, जो सबसे शुभ माना जाता है।

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:32 AM से 12:27 PM (IST)

इस मुहूर्त में पूजा करने से कार्य की सफलता की संभावना बढ़ जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

पूर्णिमा को हिंदू पंचांग में अत्यंत पवित्र दिन माना गया है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, जिससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा इस दिन विशेष फलदायी मानी जाती है।
  • यह दिन दान, पुण्य और व्रत के लिए श्रेष्ठ होता है।
  • घर में दीपक और हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. घर के पूजा स्थान को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करें।
  3. भगवान विष्णु और सत्यनारायण जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  4. रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प और पंचामृत से पूजन करें।
  5. सत्यनारायण कथा का पाठ करें या ब्राह्मण से करवाएं।
  6. हवन करें – घी, गुग्गुल, कपूर और गाय के गोबर के कंडे प्रयोग करें।
  7. प्रसाद में चिरौंजी, सूजी या चावल का हलवा, पंचामृत आदि अर्पण करें।

पूर्णिमा के विशेष उपाय और नियम

  • घी या तिल के तेल का दीपक घर के मंदिर में जलाएं।
  • सत्यनारायण व्रत कथा का श्रवण और आयोजन करें।
  • घर में शुद्ध घी से हवन करने से सुख-शांति बनी रहती है।
  • रात को पूर्ण चंद्रमा को अर्घ्य दें – इससे मानसिक शांति और चंद्र दोषों का शमन होता है।
  • गाय को हरा चारा, ब्राह्मण को अन्न या वस्त्र दान करें।

पूर्णिमा पर क्या दान करें?

  • अन्न
  • वस्त्र
  • शक्कर
  • चावल
  • घी
  • दक्षिणा

इन वस्तुओं का दान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

11 जून 2025 की पूर्णिमा का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ और फलदायक है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा, कथा और दान से जीवन में सुख, समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

पूर्णिमा 11 जून 2025 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)

1. पूर्णिमा कब है जून 2025 में?

उत्तर: जून 2025 की पूर्णिमा 11 जून, बुधवार को है। यह तिथि 10 जून को सुबह 10:55 बजे से शुरू होकर 11 जून को दोपहर 12:29 बजे तक रहेगी।

2. पूर्णिमा की पूजा किस दिन करनी चाहिए – 10 या 11 जून?

उत्तर: चूंकि 11 जून को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि विद्यमान है, अतः पूजा और व्रत 11 जून 2025 को ही करना उचित रहेगा।

3. पूर्णिमा पर कौन सी कथा सुननी चाहिए?

उत्तर: इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन सबसे शुभ माना जाता है। कथा के साथ हवन और प्रसाद वितरण करना विशेष फलदायी होता है।

4. पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

उत्तर: पूर्णिमा की पूजा सूर्योदय से लेकर पूर्णिमा तिथि के अंत (12:29 PM) से पहले कर लेनी चाहिए। विशेष रूप से अभिजीत मुहूर्त (11:32 AM से 12:27 PM) पूजा के लिए सर्वोत्तम है।

5. क्या पूर्णिमा के दिन उपवास रखना जरूरी है?

उत्तर: पूर्णिमा के दिन उपवास रखना वैकल्पिक लेकिन शुभ होता है। व्रत रखने से मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।

6. पूर्णिमा की रात क्या करना चाहिए?

उत्तर: पूर्णिमा की रात को चंद्रमा को अर्घ्य देना, मंत्र जाप करना और ध्यान करना मानसिक शांति प्रदान करता है। यह चंद्र दोष शांति के लिए भी लाभकारी होता है।

7. पूर्णिमा पर क्या दान करें?

उत्तर: इस दिन अन्न, वस्त्र, घी, शक्कर, दक्षिणा, चावल आदि का दान करना शुभ माना गया है। दान करने से पुण्य और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

8. क्या पूर्णिमा हर महीने होती है?

उत्तर: हां, पूर्णिमा हर हिन्दू माह में एक बार होती है, जब चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखता है। हर पूर्णिमा का अपना धार्मिक और पौराणिक महत्व होता है।

9. पूर्णिमा की पूजा घर पर कैसे करें?

उत्तर: घर पर पूजा के लिए विष्णु जी या सत्यनारायण जी की मूर्ति स्थापित करें, पंचामृत, फूल, दीपक, धूप, तुलसी आदि से पूजा करें और कथा का पाठ करें।

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