6 जून 2025 का पंचांग – निर्जला एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, चंद्र राशिफल
6 जून 2025, शुक्रवार का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पावन और पुण्यदायी माना गया है। आज ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे निर्जला एकादशी के रूप में जाना जाता है। यह व्रत वर्ष की सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ और सबसे कठिन व्रत माना जाता है। पवित्र गंगा जल या जल की कुछ बूंदों के साथ उपवास रखने पर भी इसका फल सभी एकादशियों के बराबर माना गया है।

इस लेख में हम 6 जून 2025 के संपूर्ण पंचांग की जानकारी साझा कर रहे हैं, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग, सूर्योदय-सूर्यास्त, ग्रह स्थितियाँ, राहुकाल, गुलिक काल, यमगंड, भद्रा, शुभ मुहूर्त और विशेष पर्व का उल्लेख किया गया है।
दिनांक और वार
- दिनांक: 6 जून 2025
- वार: शुक्रवार
- पक्ष: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष
सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय: प्रातः 5:15 बजे
- सूर्यास्त: सायं 6:45 बजे
तिथि
- तिथि: एकादशी तिथि (पूरे दिन और रात्रि तक यथावत)
- विशेष पर्व: निर्जला एकादशी व्रत
निर्जला एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन जल तक का सेवन नहीं किया जाता। व्रती भगवान विष्णु की विधिवत पूजा कर व्रत का पालन करते हैं।
नक्षत्र
- हस्त नक्षत्र: सुबह 7:57 बजे तक
- चित्रा नक्षत्र: सुबह 7:57 बजे के बाद आरंभ
योग
- व्यतिपात योग: सुबह 11:51 बजे तक
- वारियान योग: सुबह 11:51 बजे के बाद शुरू
ग्रह स्थिति
- चंद्रमा: कन्या राशि में रात 9:12 बजे तक, उसके बाद तुला राशि में प्रवेश
- सूर्य: वृषभ राशि में, रोहिणी नक्षत्र में स्थित
राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड काल
- राहुकाल: सुबह 10:18 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
- गुलिक काल: सुबह 6:56 बजे से सुबह 8:37 बजे तक
- यमगंड काल: दोपहर 3:22 बजे से शाम 5:03 बजे तक
इन कालों में शुभ कार्यों से परहेज़ करना चाहिए। खासकर यात्रा, विवाह, खरीददारी या नए कार्यों का आरंभ इन समयों में टालना शुभ माना जाता है।
भद्रा काल
- भद्रा का प्रवेश: शाम 4:08 बजे
- भद्रा की समाप्ति: अगली सुबह 5:03 बजे
भद्रा काल में विशेष रूप से मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ आदि से बचना चाहिए।
अभिजीत मुहूर्त
- शुभ समय: सुबह 11:33 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक
यह मुहूर्त अत्यंत शुभ और सफलता देने वाला होता है। किसी भी कार्य को बिना पंचांग देखे इस समय में किया जा सकता है।
रवि योग
- रवि योग का प्रभाव: सुबह 7:57 बजे तक
रवि योग भी एक शुभ योग होता है, जो विशेष रूप से बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।
6 जून 2025 को निर्जला एकादशी व्रत के साथ अनेक शुभ योग और मुहूर्त बन रहे हैं। चंद्रमा और सूर्य की विशेष स्थितियाँ, नक्षत्र परिवर्तन और अभिजीत मुहूर्त जैसे अवसर इस दिन को अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं। यदि आप किसी भी शुभ कार्य की योजना बना रहे हैं, तो आज का दिन आपके लिए श्रेष्ठ हो सकता है।
धार्मिक आस्था रखने वालों के लिए यह दिन विशेष पूजा, उपवास और संकल्प का है। निर्जला एकादशी का व्रत न केवल पुण्यदायक है, बल्कि आत्मशुद्धि और संयम का प्रतीक भी है।