26 मई 2025 का पंचांग – वट सावित्री व्रत, अमावस्या तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल जानिए
आज का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज वट सावित्री व्रत है और साथ ही अमावस्या तिथि भी पड़ रही है। व्रत करने वाली स्त्रियां आज के दिन वटवृक्ष की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना करती हैं। आइए जानते हैं आज का संपूर्ण पंचांग और ज्योतिषीय विश्लेषण।

1. दिनांक और वार
तारीख: 26 मई 2025
दिन: सोमवार
2. पक्ष एवं मास
पक्ष: कृष्ण पक्ष
मास: ज्येष्ठ मास
तिथि:
- चतुर्दशी तिथि – प्रातः 10:54 बजे तक
- इसके बाद अमावस्या तिथि प्रारंभ
3. नक्षत्र
- भरणी नक्षत्र – प्रातः 7:19 बजे तक
- उसके बाद कृतिका नक्षत्र का प्रवेश
4. योग
- शोभन योग – प्रातः 6:16 बजे तक
- उसके पश्चात अति गण्ड योग प्रारंभ
5. चंद्र और सूर्य की स्थिति
चंद्रमा:
- मेष राशि में दोपहर 2:55 बजे तक
- उसके बाद वृषभ राशि में गोचर
सूर्य:
- आज वृषभ राशि में स्थित
- कृतिका नक्षत्र में दोपहर 2:07 बजे तक
- उसके बाद रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश
6. सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय: प्रातः 5:18 बजे
- सूर्यास्त: सायं 6:42 बजे
7. राहुकाल, गुलिक काल और यमगण्ड काल
- राहुकाल: सुबह 6:58 से 8:39 तक – अशुभ समय
- गुलिक काल: दोपहर 1:40 से 3:21 तक
- यमगण्ड काल: सुबह 10:19 से 12:00 तक
- मृत्युबाण निवृत्ति: दोपहर 3:12 पर समाप्त
8. अभिजीत मुहूर्त
- शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय
- समय: प्रातः 11:33 से दोपहर 12:26 तक
9. विशेष दिन – वट सावित्री व्रत एवं अमावस्या
आज का दिन वट सावित्री व्रत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत मुख्यतः सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए करती हैं।
वटवृक्ष की पूजा, कथा श्रवण और निर्जल व्रत का विशेष महत्व होता है। साथ ही अमावस्या तिथि होने से पितृ तर्पण, स्नान-दान और पवित्र नदियों में स्नान का अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
10. ज्योतिषीय महत्व व सलाह
- आज चंद्रमा राशि परिवर्तन कर रहे हैं, जिससे मानसिक स्थिति में बदलाव, खरीदारी के योग और भूमि संबंधित विचार तेजी से उभर सकते हैं।
- सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन भी दोपहर में हो रहा है, जो कार्य क्षेत्र में नई ऊर्जा और जिम्मेदारियों का संकेत देता है।
- शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी रहेगा।
- राहुकाल व यमगंड काल में कोई भी शुभ कार्य न करें।
आज का दिन धार्मिक, ज्योतिषीय और पारिवारिक दृष्टि से अत्यंत शुभ है। वट सावित्री व्रत, अमावस्या तिथि, चंद्र-सूर्य की स्थिति में परिवर्तन, और अभिजीत मुहूर्त का प्रभाव जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकता है। ध्यान रखें कि दिन के शुभ-अशुभ समयों को समझकर ही कोई भी निर्णय लें।
शुभकामनाएं!
आपका दिन मंगलमय हो।