गोद भराई करने का शुभ मुहूर्त कब है 2025 | Godh bharai rasam karne ka Shubh muhurt kab hai
हमारे हिंदू धर्म में सोलह संस्कार होते हैं। इन 16 संस्कारों में ही जन्म से लेकर मृत्यु तक किए जाते हैं। अर्थात इन 16 संस्कारों में हमारा पूरा जीवन समाहित होता है। इसमें गोद भराई का भी है। जिसे हिंदू धर्म में मनाया जाता है। इसे अन्य धर्म के लोग भी मनाते हैं।

गोद भराई का रसम अजन्मे बच्चे को आशीर्वाद देने के लिए किया जाता है। यह रस्म गर्व के सातवें महीने में किया जाता है। ताकि अब गर्भवती और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। इसी को हर्ष और उल्लास के लिए गोद भराई का रसम किया जाता है।
इसलिए हम आज गोद भराई के शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे। की गोद भराई करने के लिए कौन-कौन सा शुभ दिन है। जिसमें गोद भराई की रसम किया जा सके।
यहां पर गोदभराई करने के लिए शुभ मुहूर्त दिया गया है। जिसमें आप गोद भराई की रसम को कर सकते हैं। लेकिन यह एक सार्वजनिक मुहूर्त होने की कारण यह सभी व्यक्तियों कीजिए शुभ नहीं हो सकता। इसलिए शुभ मुहूर्त को उस व्यक्ति की जन्मतिथि के अनुसार ही निकलवा लेना उचित होगा।
हिंदू धर्म के अनुसार गोद भराई का रसम गर्भवती स्त्री के चौथे, छठ और आठवें महीने में किया जाता है। लेकिन गोद भराई का रसम करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन गर्भवती स्त्री के परिवार वालों पर निर्भर करता है। कि वह कब शुभ होता है चयन कर आते हैं।
गोद भराई करने का शुभ मुहूर्त मई 2025
दिनांक | वार | समय |
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1 मई 2025 | गुरुवार | दोपहर 3:58 से शाम 6:55 तक |
7 मई 2025 | बुधवार | रात्रि 8:23 से अगली रात्रि 1:09 तक |
8 मई 2025 | गुरुवार | रात्रि 10:17 से संपूर्ण रात्रि तक |
9 मई 2025 | शुक्रवार | सुबह 5:26 से रात्रि 12:32 तक |
14 मई 2025 | बुधवार | सुबह 5:24 से सुबह 10:35 तक |
15 मई 2025 | गुरुवार | दोपहर 12:34 से दोपहर 1:11 तक |
18 मई 2025 | रविवार | सुबह 5:22 से दोपहर 3:45 तक |
19 मई 2025 | सोमवार | दोपहर 3:48 से संपूर्ण रात्रि तक |
22 मई 2025 | गुरुवार | रात्रि 8:24 से संपूर्ण रात्रि तक |
23 मई 2025 | शुक्रवार | सुबह 5:19 से दोपहर 12:11 तक |
गोद भराई करने के लिए शुभ नक्षत्र कौन से हैं?
कुछ ऐसे नक्षत्र होते हैं। जिसमें गोद भराई की रसम किया जाता है। आज हम इन नक्षत्रों के बारे में नीचे बतला रहे हैं। जिसमें गोद भराई का रसम किया जा सके।
शुभ नक्षत्र – गोद भराई के लिए शुभ नक्षत्र उत्तराषाढ़ा, स्वाती, श्रवण, तीनों पुर्वा, अनुराधा, धनिष्ठा, कृतिका, मृगशिरा, हस्त, मूल, रोहणी, मघा, तीनों उत्तरा, रेवती शुभ माने जाते हैं।
गोद भराई करने के लिए शुभ वार कौन से है?
गोद भराई करने के लिए, शुभ नक्षत्र के साथ शुभ वार का होना, भी बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए यहां पर नीचे शुभ दिन के बारे में भी बताया जा रहा है।
शुभ वार – गोद भराई करने के लिए शुभ वार सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार होता है।
गोद भराई करने के लिए शुभ तिथि कौन से हैं?
गोद भराई रसम करने के लिए शुभ नक्षत्र और शुभ वार के साथ शुभ तिथि का भी होना अति आवश्यक है। तभी किसी शुभ मुहूर्त का निर्माण होता है। इसलिए यहां पर शुभ तिथि के बारे में भी बताया जा रहा है।
शुभ तिथि – गोद भराई करने के लिए शुभ तिथि द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी और त्रयोदशी शुभ तिथि माना गया है।
गोद भराई में क्या क्या किया जाता है?
हमारे हिंदू धर्म में गर्भवती महिला के गर्भधारण के सातवें महीने पूरा होने पर गोद भराई किया जाता है। यह अलग-अलग समुदाय में अलग-अलग हो सकता है। गोद भराई की रस्म में गर्भवती महिला को उसके आंचल में फल, उपहार, मिठाई आदि भरा जाता है। और घर के बड़े बुजुर्ग लोग गर्भवती महिला को आशीर्वाद देते हैं। ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे। और आने वाले बच्चे का स्वास्थ्य और आयु उत्तम रहे।
गोद भराई की रसम को लोग अपने अपने सामर्थ्य अनुसार करते हैं। गोद भराई की रसम में काफी धूमधाम भी किया जाता है। यह सातवें महीने पूरा होने का खुशी मनाया जाता है कि अब जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हो गए हैं।